आज हम बात कर रहे एक ऐसे अभिनेता के बारे जिन्होंने फिल्म जगत के दुनिया में अपने दम पर एक अलग पहचान बनाई है . वह नाम कोई और नहीं बल्कि पंकज त्रिपाठी है।
पंकज भैया एक ऐसे अभिनेता है जिसे जो भी रोल मिला एकदम परफेक्ट पैमाने पर खरे उतरे हैं।
नाम | पंकज त्रिपाठी |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
पत्नी | मृदुला त्रिपाठी |
माता ,पिता | हेमवंती, पंडित बनारस त्रिपाठी |
जन्मस्थान | गांव बेलसंड ,गोपालगंज ,बिहार |
शिक्षा | NSD से स्नातक |
भाई -बहन | 3 भाई ,2 बहन |
आज पंकज त्रिपाठी को कौन नहीं जानता हर कोई उनका जन्म बिहार के गोपालगंज जिले के बेलसंड गांव में 5 सितंबर 1976 को एक छोटे से किसान परिवार में हुआ।
बचपन बहुत ही अभाव में बीता में पांचवी तक की पढ़ाई एक पेड़ के नीचे कि, नहीं गांव में बिजली थी ना ही पानी की सही व्यवस्था।
उनके दो भाई और दो बहने हैं. परिवार में उनके अलावा किसी को अभिनय के क्षेत्र में कोई रुचि नहीं थी. एक अपने पंकज भैया ही बागी बन गए।
पिताजी की दिली ख्वाहिश थी कि पंकज मेडिकल की पढ़ाई करें और डॉक्टर बने।
इसके लिए उन्होंने पंकज त्रिपाठी को पढ़ने के लिए पटना भेज दिया, पटना में पंकज भैया ने जीव विज्ञान से इंटरमीडिएट की इसके बाद उन्होंने मेडिकल के दाखिले के लिए दो बार इम्तिहान भी दिया, लेकिन दोनों बार असफलता ही हाथ मिली।
भैया जी पढ़ने में बुरे नहीं थे, बस उनको पढ़ने में मन नहीं लगता था।
एक बार की बात है जब भी पटना में पढ़ाई कर रहे थे तो उनको 7 दिनों के लिए जेल भी जाना पड़ा।
चुकी पटना में वे एक छात्र संगठन से जुड़ गए, इस दौरान एक आंदोलन में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
इसी दौरान उनकी दोस्ती कुछ वामपंथी दोस्तों के साथ हुई, वे दोस्त ही एक बार उनको नाटक देखने के लिए कालिदास रंगालय ले ले गए।
उसी दिन उन्होंने कला के क्षेत्र में पहला कदम रखा उसके बाद रोज 1 साल तक नाटक देखने जाया करते थे इसी तरह पंकज त्रिपाठी रंगमंच के होकर रह गए।
उनको एक बार लक्ष्मण की नाटक अंधा कुआं देखने का मौका मिला, जिसमें प्रणिता जायसवाल की अदाकारी को देखकर वह रोने लगे।
उसके बाद से ही उन्हें नाटक का महत्व पता चला और उन्होंने अभिनय को एक नई दिशा देने के लिये भारत आर्ट थियेटर ज्वाइन कर लिया।
जब वे थिएटर कर रहे थे तो परिवार वालों को चिंता होने लगी कि लड़का किस गलत दिशा में जा रहा है. परिवार वालों ने उन्हें कुछ और करने की सलाह दी।
इस दौरान उन्होंने फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट से डिप्लोमा कोर्स किया और फिर वे होटल मौर्या में काम करने लगे।
इस बीच काम के साथ-साथ अभिनय को भी जारी रखा. इसी दरमियान उन्हें नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के बारे में पता चला जिसमें कम खर्चे में एक्टिंग की पढ़ाई कर सकते है. साल 2001 में तीसरे प्रयास में इस संस्थान में उन्हें दाखिला मिल गया।
अब घरवाले अलग चिंतित की क्या होगा सफलता मिलेगी भी या नहीं, तो पंकज भैया ने सभी को समझाया कि यदि वह NSD डिग्री लेने के बाद उन्हें किसी भी कॉलेज स्कूल में ड्रामा प्रोफेसर अथवा ड्रामा शिक्षक की नौकरी मिल ही जाएगी।
2001 से 2004 तक उन्होंने ड्रामा स्कूल में ट्रेनिंग ली, उसके बाद वापस पटना लौट आए।
इसी बीच उनकी शादी हो गयी, उसके बाद १६ अक्टूबर २००४३ को पंकज त्रिपाठी अपने पत्नी के साथ मुंबई आ गए।
उस समय पैसों की किल्लत रहती थी . उनकी धर्मपत्नी बीएड कर चुकी थी. जिसके वजह से उन्हें एक स्कूल में शिक्षिका की नौकरी मिल गयी।
खर्चे बहुत सिमित थे जिसके वजह से काम चल जाता था. उस समय छोटे मोटे रोले ही मिल पाते थे, वो उस समय सिर्फ ये सोचते थे की किसी तरह मुंबई में टिक जाये।
लेकिन वह हमेशा एक्टिंग के बारे में सोचते ही रहते थे. हमेशा अपने अभिनय को बेहतर करने की कोशिश करते रहते थे. हमेशा दूसरों से अलग ताकि लोग उन पर ध्यान दें. 10-12 साल के कड़े संघर्ष से उनका पूरा करिए भरा रहा।
इसी दौरान उन्हें अनुराग कश्यप की फिल्म गैंग ऑफ वासेपुर में सुल्तान मिर्जा का रोल मिल गया. जिसमे उन्होंने एक कसी का रोलेप्ले किया।
फिल्म में उन्होंने अपने अभिनय के दम पर दर्शकों का दिल जीता. उनकी इस जबरदस्त एक्टिंग की बदौलत बॉलीवुड के सारे दरवाजे उनके लिए खोल दिए गए।
इसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्मों में काम किया।
कई सारी वेब सीरीज में जबरदस्त अभिनय किया, मिर्जापुर में कालीन भैया क्रिमिनल जस्टिस में माधव मिश्रा सैक्रेड गेम्स वेब सीरीज इत्यादि में काम करके उन्होंने अच्छा खासा नाम कमाया।
पंकज त्रिपाठी की कुछ बहोत अच्छी फिल्मे
फिल्म | भूमीका | वर्ष |
रन | _ | 2004 |
अपहरण | गया सिंह का मित्र | 2005 |
शौर्य | मेजर वीरेंद्र राठौर | 2008 |
बारह आना | पुलिस इंस्पेक्टर | 2009 |
रावन | _ | 2010 |
गंग्स ऑफ़ वासेय्पुर | सुल्तान कुरैशी | 2012 |
फुकरे | पंडित | 2013 |
सिंघम रिटर्न्स | अल्ताफ | 2014 |
लूडो | सत्तो | 2020 |
उन्हें जो भी किरदार मिला ऐसा लगा जैसे वे उस किरदार के लिए ही बने हो, इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा आज वह एक सफल अभिनेता है और लगातार सुपरहिट फिल्मों में वेब सीरीज में अभिनय कर रहे हैं !
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मुन्ना भैया उर्फ़ दिव्येंदु शर्मा की जीवनी
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